हे निरसु निरदै विधाता मिन नि जाणी
घर बौडू नि होणू हमरू यनु नि जाणीं।
सौ सला, कौ करार कैकी गै त छां हम जातरा म
यखी जुगा ह~वै जाण हमुन यनु नि जाणीं। हे निरसु....
बाबा केदारा का थान मौत यनु तांडव मचाणी
आखरी जातरा च हमरि यन्नु नि जाणीं। हे निरसु....
मौ कि मत ह~वै गैंन घडी मा जिन्दग्यों कु अन्त यख
समळणा कु मौक बि नि मिलणू, यनु नि जाणी। हे निरसु....
आस अर वि”वास अपणू, मन म रैंगेन स्याणी गांणी
इनु बिजोग प्वडण हमु खुणि यन्नु नि जाणीं। हे निरसु...
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