आओ
नये साल
हर
साल कि तरह
इस
साल भी करेंगे
तुम्हारा
इस्तग्बाल.
जो
बीता उसका
दिल
में है कुछ मलाल
दामिनी
के संग हुवा
बहुत
बुरा आत्याचार....
इसलिए
सुनो नये साल!
इसबार
घर आँगन को
ना
तो बुहार पायेंगे
ना
ही बंदन बार गा पायेंगे.
सुनो!
आने वाले
नये
साल !
रखना
सभी का खयाल.
अवनि
से अम्बर तक
तुम्हारी
धूम हो
सारे
जहाँ में तुम्हारी
गूंज
हो.
देश
और समाज में
किसी
पर आन्याय न हो
निरीह
लोगों पर
ना
ही अत्याचार हो.
शान्ति
और अमन कि बयार
सब
ओर बहे
आदमी,
इंसान बना रहे
जग
जीवन में
आरोग्य
और खुशहाली रहे
सब
में हो प्रेम और प्यार
ऐसी
बहे मेरे देश में
नये
साल में बयार
सुन
रहे हो नये साल...?..........ध्यानी..३१/१२/१२/
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