रोने की तो उम्र पड़ी है
चलो जरा हँसकर भी देखे
बहुत हो चुकी कहा, कही अब
थोड़ा सा जीवन भी जी लें.
आओ हम तुम अपने दिल से
पूछे तो क्या गति है उसकी...
अवनि सुनो कुछ नहीं रखा है
दुनिया की मारा मारी मे
जो पल हैं उनको अपना कर
थोड़ा सा दिल हल्का कर लें
नहीं रहेगा सदा कभी भी
जो कुछ आज है दुनिया में
हम तुम सब कुछ मिट जायेगा
फिर क्यों नाहक फिकर है करनी...?
24/3/11, at. 2:04 pm.
चलो जरा हँसकर भी देखे
बहुत हो चुकी कहा, कही अब
थोड़ा सा जीवन भी जी लें.
पल का भरोषा नहीं तो फिर
क्यों चिंता करनी है कल कीआओ हम तुम अपने दिल से
पूछे तो क्या गति है उसकी...
अवनि सुनो कुछ नहीं रखा है
दुनिया की मारा मारी मे
जो पल हैं उनको अपना कर
थोड़ा सा दिल हल्का कर लें
नहीं रहेगा सदा कभी भी
जो कुछ आज है दुनिया में
हम तुम सब कुछ मिट जायेगा
फिर क्यों नाहक फिकर है करनी...?
24/3/11, at. 2:04 pm.
रोने की तो उम्र पड़ी है
ReplyDeleteचलो जरा हँसकर भी देखे
बहुत हो चुकी कहा, कही अब
थोड़ा सा जीवन भी जी लें.
पल का भरोषा नहीं तो फिर
क्यों चिंता करनी है कल की nice lines...on life