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Friday, July 15, 2011

समय की अपेक्षा


समय को लेकर
खींचतान सब
दिखते हैं परेशान।
किसके पास है?
कौन है इतना इजी?
सब अपने आप में
लगते हैं बिजी।
शिकवा शिकायत
समय को लेकर
तुम्हारी, हमारी
कुछ व्यस्तता
और कुछ लाचारी।
जानता हूं और
मानता भी हूं
लेकिन अवनि!
आशा, अपेक्षा
तो रहती ही है
कुछ इधर
कुछ उधर।
यह भी सच है कि
मेरे हिय में
आस,विश्वास
और भावनाओं की
परधि में
सिर्फ और सिर्फ
तुम ही तुम रहती हो
लाटी खफा क्यों होती हो?......ध्यानी 15 जुलाई, 2011.

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