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Tuesday, April 26, 2011

सोच...




सोच बहुत मायने रखती है
जीवन में अहम होती है
सोच और हमारे विचार
उभारते और निखारते भी हैं।
आदमी को अलग करती है
औरों जैसा बनाती है सोच
आदमी की जय और पराजय
यश-अपयश सोच ही कारक।
आदमी की सोच ही तो उसे
आदमी से खुदा बनाती है
गलत हो सोच तो आदमी को
शैतान भी बना देती है।
सेचना बुरा नहीं बल्कि हर प्राणी
हमेशा कुछ न कुछ सोचता
विचारता, रचता, बुनता रहता है
फर्क इतना है कि हम किसे
प्राथमिकता और जरूरी मानते हैं।
हमारी नीति और नियति कैसी
और किस प्रकार की भावना है
यही सब तो सोच के द्वारा
मुखर होकर कार्यरूप में
प्रिलक्षित होती है हमारी
कथनी और करनी को तय करती है।
इसलिए सोचना और विचारना
जरूरी है अपने परिवेश, गरिमा
और औरों के मान सम्मान व
सरोकारों को रहे ध्यान तो
फिर हमारी सोच भी और
हम भी हो जायेंगे महान
काश! इसे अपनाता आज का
इंसान तो फिर क्यो न होता
देश अपना महान और संस्कारवान।


26 अप्रैल, 2011, दोपहर, 1 बजकर, 49 मिनट।

















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