Pages

Wednesday, April 7, 2010

उसने कहा था
कभी अगर मरी याद आयी तो
तुम लौट आना पहाड़ो पर
तुम मुझे आवाज देना
मै तुमको मिलूंगी
फूलूं की पखुरियों में
हवा की सनसनाहट में
और नदी की धरा में.

मै तब उसका मतलब
कहने का मजमून
समाज नहीं पाया था
लेकिन बरसों बाद
जब लौटा हूँ पहाड़ों पर
तो उसकी बात को सच पाया है
सच उसका अक्ष
यहाँ की वादियों में पाया है..

जानती हो..!
वो बहुत दूर चली गयी है
शायद इतनी दूर की
अब उसे मिलना होना पाई
अब समझा
तब उसने क्यों करीब आने से
मन करदिया था,
अपनापन और एक कसिसे से
महरूम करदिया था..
तब मै उसको एक नासमझ
समझता था लेकिन
आज उसकी महानता का पता चला
सच वो कितनी महान थी....ध्यानी

No comments:

Post a Comment