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Monday, November 29, 2010

जीवन पथ


30, नवम्बर, 2010



बहुत विकट है

लगता निकट है

भरमाता है

जीवन का पथ

सच ही कठिन।

कांटों से भरा

शूलों की कंटक धरा

जीवन पथ में

पग-पग में

सजा ही सजा।

मन की तृष्णा

सुख की आस

लेकिन दु:ख

सदा पास

सुख की यदा कदा

ही मिलती उजास।

सुख के पीछे

भागे हैं हम

तभी नही सहन

होती हैं

दुख की सौगात।

मिलना, बिछोह

पाना, खोना

उदासी, रोना

सुख की चादर

दुख का बिछौना।

जीवन की नदिया

टेढ़ी-मेढ़ी ड़गर

कभी सपाट और

कभी गहरे गह~वर

पथरीली धरा

रेत और गारे से उभरा

इसका पग पथ

चुभन से भरा।

कुछ पल छिन

सदा रहते याद

कुछ पल सदा

नयनों से झरते

कुछ स्वपनों में फलते।

कुछ छिन जीवन में

हर पल छाया बन

साथ निभाते

रिश्तों की परधि

से बढ़कर जब

कोई अन्तस में छाता

तब यह जीवन

बहुत है भाता।

कुछ पल सुख के

कुछ पल दुख के

सबको जीवन

अनुपम करके

यादों के झूले में

जीवन नैय~या

जब बढ़ती है

तब यह पथ

सुगम सा लगता

लेकिन जब हिय

कोरस छाता

मन में जब भी

घिरे अंधेरा तब

तब जीवन

कांटो मेंे चलना

सच लगता है

कभी ये छलना

लेकिन जीवन

सरल नही है

यों सस्ता अरू

विकट लगे है

लेकिन फिर भी

रंग भरा है

भावों की भी

परिधि धरा है

इसमें सतरंगों की सरिता

इसमें कांटों की

बगियां अरू

फूलों की पंखुरियां हैं

जीवन तो भावों की लय है

जैसे उपजे तैसे लगते

जीवन जीना सरल नही है

सच जीवन आसान नही हैं।।

1 comment:

  1. जीवन एक अधूरा सपना
    कुछ है कुछ पाया है
    जिंदगी के गम भी चोखट की आड़ में खड़े रह्रते है
    साथ देने के लिय

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