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Friday, April 8, 2011

दूर कहीं से एक बात उठी है
गांव से सहर तलक बहस है
सायद हवा में कुछ गर्मी सी है
अन्ना हजारे ने आवाज दी है
धरती धरा पुकार रही है...
जागने की बेला आन पड़ी है
कुछ बिगत कुछ आगत की
सुध लेने की घड़ी आ गयी है
उठो नगर गांव से सब मिलकर
नये भारत की नीव डालनी है.
भ्रष्ट और चोरों को भागना है
साफ़ और सुथरा भारत बनाना है.
जन लोकपाल बिल भी लाना है
देश को खुशाल बनाना है.. ध्यानी. ८/४/११

2 comments:

  1. dinesh ji bahut accha likha hai apne...desh ki awaz hai yahi

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  2. गुरु जी उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार है जब भ्रष्टाचारियों को सज़ा मिलनी शुरू हो जाएगी |

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