Pages

Wednesday, June 22, 2011

लाटी...
जीवन का आधार
दिल को पांती
बहुत दूर तन से
दिल में ही समाती.
लाटी
भावों की महक
जीवन की खनक
गीतों का सुर
सपनों की सौगात.
लाटी
मेरी पहचान
मेरी जान
सबसे अजीज
सबसे खास..
लाटी मेरी
जीवन धारा
मेरा सहारा
मेरी नय्या
भरोसेमंद
किनारा.
लाटी मेरी जान
लाटी मेरी पहचान
अवनि मेरी लाटी
बहुत भली इंसान...ध्यानी....२२.जून, २०११.

1 comment:

  1. tum awni ke paagal premi ho
    par awni au dhara ka sangam kya hota hai?
    pyaar ki faslen hi kaatega jo beej prem k bota hai

    ReplyDelete