Pages

Tuesday, August 31, 2010




अब वे सबसे प्यारे लगने लगे हैं





हमें जब से वो मिले हैं दुनियां में

दिनरात उनके सपने अपने लगे हैं

उनसे मिलकर जाना प्यार हमने

अब वे सबसे प्यारे लगने लगे हैं

उनकी हर अदा पर जी आगया है

अब तो हर तरफ वे ही नजर आने लगे हैं

इबादत जब करता हूं आंख बन्द करके

भगवान की जगर वे ही नजर आने लगे हैं।

उनसे इश्क हमें बेइंतहा जग में

ये बात उनको हम समझाने लगे हैं।

यों तो पहले भी पलटते पन्ने जीवन के

पर अब उनके आने से उनको रंगाने लगे हैं।

वे हमारे क्या है कैसे उनको समझाये हम

बस जी, जान आत्मा में वे ही समाने गले हैं।

उनका जिकर  होता है हर पल

कभी घर कभी सपनों में छाने लगे है।

उनकी अनुपम छवि हमारे मन में

उनको हम सच चाहने लगे है।

उनकी याद में राते होती हैं लम्बी

दिन में भी उनकी याद सताने लगी है

उनसे ही है हमं मुहब्ब्त बेइंतहा

उनको कैसे हम समझाने लगे हैं।

औरों से गर बात भी करते हैं वे

हम मन ही मन क्यों खिसियाने लगे हैं..?

बहुत ही अनुभति और प्यार उनसे

सच वे हमारी सांसों में समाने लगी है।

हमारी जीवन निध है सच में

उनकी अदा हमें भाने लगी है।

बस वे ही है हमारे दिल में

अब तो वे हमारी आंखों में भी छाने लगी है।

No comments:

Post a Comment