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Tuesday, March 29, 2011

    इंतजार करता हूँ......


हर घड़ी तेरा इंतजार करता हूँ.
रात खुलने की इंतजार करता हूँ.
सहर की तलाश में भी रहता हूँ.
जब कभी उदास होता है ये दिल
तेरे मुस्कराने की इंतजार करता हूँ.
तू माने या ना माने तेरी मर्जी है
मेरे लिए जजबात हो कि नहीं
हर घड़ी तुमको दिल में रखता हूँ.
तुम से जब गुफ्तगू नहीं होती
सच तब बहुत उदास रहता हूँ.
तुम कभी दूर तो ना जाओगी...?
इस खयाल से भी डरता हूँ.
अवनि तुम मेरे उर में बसी हो
हर घड़ी बस तेरे इंतजार करता हूँ.


29/3/11, at. 5:27 pm.






1 comment:

  1. अवनि तुम मेरे उर में बसी हो
    line pasand aayi....

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