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Monday, July 26, 2010

सुनो!
तुम दीप
मै बाती
तुम माटी
मै थाती.


तुम साँस
मै आस
तुम कल
मै आज.


तुम सरिता
मै पानी
तुम जीवन मै रवानी.


तुम सुर
मै गीत
तुम संगीत
मै साज.


तुम भडुली
मै खुद
तुम स्नेह
मै नेह.


तुम पथ
मै मुसाफिर
तुम अंक
मै सिफर.


तुम पथ
मै रथ
तुम लक्ष्य
मै भटकाव.


तुम देब
मै पुजारी
तुम दाता
मै भिखारी.
तुम दिल में
जीवन में
प्राण में
हर साँस में
मेरी आस में
तुम मेरे लिए
पत्नी /सखी
दोस्त
सबकुछ...ध्यानी

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