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Monday, July 26, 2010

आना जाना बना के रखना


आना जाना बना के रखना
सुनो! गाँव तो अपना है
इन सहारों का क्या है भरोसा
बम - गोलों का खतरा हैं.


मत करना तुम कभी उलाहना
अपनी बतन की माटी से
उसने जिलाया हमको जीवन
पगडण्डी .....अरु ....घाटी ने.


गाँव की सौंधी माटी मे ही
अपना बचपन कहीं छुपा है
दादा, परदादा का भी अपने
यहीं कहीं इतिहास दबा है.


मत कटना तुम अपनी जड़ो से
उनसे कटकर नहीं है जीवन
अपनी माटी, अपनी धरतीहै आबाद इन्ही से जीवन ...ध्यानी

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